कोशिश हमेशा की मैंने सबसे बेहतर होने की,
सबसे अच्छा होने की,अलग होने की
पर गलतियां मैं भी करता हूं।
और अब लगता है,
गलतियां न करना गलत हो सकता है,
पर गलत होना गलत नहीं है।
अब देखो ना मुझे उससे कुछ कहना था,
मैंने नशे में कह दिया, जो भी कुछ था दिल में सब बोल दिया
शायद मेरी जुबान लड़खड़ा रही होगी,भाव भी स्पष्ट नही रहे होंगे।
बेशक मेरा तरीका गलत हो सकता है, पर मेरी भावनाएं गलत नही थी, मेरे इरादे गलत नही थे इसलिए मैं भी गलत नही था।
पर अच्छा हुआ गलती करना भी अच्छा था,
एक वहम था जो टूट गया, एक उम्मीद थी जो खत्म हो गई
मेरे बेहतरी के लिए, अब आगे बढ़ सकता हूं मैं।
अब सब अच्छा सा लग रहा है, हल्का सा लग रहा है।
पहले ये हवाएं चलती थी तो लगता था शायद तुमसे होकर आई है, आज लग रहा है ये हवाएं सिर्फ मेरे लिए आई है।
पहले जब भी भिगोती थी बारिश मेरी खिड़कियां मेरी उंगलियां तुम्हारा नाम लिखती थी अब मेरे ही शेर लिखती है।
पहले गीतों में मुझे तुम नजर आती थी अब गीतकार नजर आते है, कभी गुलजार तो कभी फ़ैज़, गालिब, मोमिन और साहिर तो सीधा दिल में उतर जाते है।
खूबसूरत जिंदगी और खूबसूरत लगने लगी है,
तुम भी बेहद खूबसूरत हो पर जिंदगी नही हो यार।
ये सब संभव हुआ है बस गलती करके,
देखा मैने कहा था ना की गलत होना गलत नही है।
मैं वादा करता हूं मैं ऐसी गलतियां करता रहूंगा,
खुद को बेहतर करता रहूंगा।
क्योंकि गलतियां ना करना गलत हो सकता है,
पर गलत होना गलत नही है।